मेरे बड़े --

Wednesday, January 21, 2015

गिफ़्ट मिला है ...गिफ़्ट मिला है ....

नानी -गिरिजा दी का भेजा गिफ़्ट तुम्हारे लिए मायरा...
-मायरा - आहा !!







-नाजुक चंचल है
नन्ही कोंपल है
पत्तों पर शबनम सी निर्मल
झिलमिल-झिलमिल है
फुलबगिया सी मेरी गुडिया
कोमल--कोमल है
रेशम सी गभुआरी अलकें
पलकें हैं पंखुडियाँ
कोई आहट सुनती है तो
झँपकाती है अँखियाँ ।
विहगों के कलरव जैसी वह
हँसती खिलखिल है ।फुलबगिया सी ...
किलक-किलक कर पाँव चलाती
चप्पू दोनों हाथ चलाती
पंखुडियों से होंठ खोल कर
आ.आ..ऊँ..ऊँ..ऊँ बतियाती ।
नदिया की धारा बहती ज्यों
कलकल कुलकुल है ।फुलबगिया सी...
नन्हे नाजुक हाथ
हथेली नरम नवेले पत्ते
शहतूती सी हैं अँगुलियाँ
गाल शहद के छत्ते ।
फूलों की टहनी पर जैसे
चहके बुलबुल है । फुलबगिया सी ...

Monday, January 12, 2015

Sunday, January 11, 2015

जमीं पे आज चाँद निकला...

आज मैं  9 महीने की पूरी हुई और आज ही मेरे पहले बाल निकाले गए... बुआ की गोद में ...
चोटी का शौक मेरे पापा को भी है ....

Friday, January 9, 2015

छूकर देखा तो विश्वास हुआ

5 जनवरी 2015 ...सोकर उठी तो सहसा विश्वास नहीं हुआ...बगल में नानी दिख रही थी.....बंगलौर से सीधे यहाँ कैसे ?....
लगा सपना है....
नए साल में पहली मुलाक़ात

छू कर देखा तब विश्वास हुआ....नानी सीधे मेरे पास आ गई थी....
हैप्पी न्यू ईयर...
लव यू नानी....
-मायरा

Sunday, January 4, 2015

मायरा म्याऊँ ....

देखो... अपुन भी मौसी से कम नहीं.... मौसी से मिलवाऊंगी कल...

Friday, January 2, 2015

भूख इंसान को सब कुछ सीखा देती है

मजे करो भई मजे करो...
एक बिस्किट से पेट भरो...
मजे करो भई मजे करो...
घूम फिर कर मजे करो..

Thursday, January 1, 2015

मेरी पहली ट्रिप की झलकियाँ -1

पूरे मामा परिवार के साथ दिवेआगर घूमने गई...साल 2014 के आखरी हफ्ते में...


झलकियाँ -1