मेरे बड़े --
Tuesday, March 31, 2015
Thursday, March 26, 2015
Sunday, March 8, 2015
पंख नहीं पर चिड़िया हूँ...
मैं गिरती,पड़ती,फिर चल पड़ती
नहीं कभी रुकने वाली
नए नए प्रतिमान रचूंगी,
नहीं कभी झुकने वाली
नन्ही हूँ ,अभी जरा सी,
ठुमक-ठुमक चलती हूँ
काम बड़ों के जैसे करती
प्रकृति में ही पलती हूँ
मिले अगर आशीष तुम्हारा
सरपट दौड़ लगा लूँगी
अपनी ये मुस्कान दिखा कर
ढेरों खुशियाँ बाटूँगी........
-मायरा (आज की राहगीरी,8/3/2015)
हैप्पी वुमंस डे.... टू नानी
Tuesday, March 3, 2015
पूरा ब्लॉग रंग गया मेरा फ़ेसबुकी रंग से
अर्चना चावजी added 2 new photos.
8 hrs ·
पापा बोल रहे थे होली पर खूब रंग दूँगा......तो चाचू ने छुपने की जगह बताई......
कैसी लगी?....
-मायरा
कैसी लगी?....
-मायरा
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