पापा मेरे मस्त कलंदर करके मुझको कम्बल के अंदर
जोर-जोर से मुझे हँसाते ठंड को मुझसे दूर भगाते लगा ठहाका हिला के अम्बर हँसती खूब कम्बल के अंदर
ठंड को जब हम यूं डराते हँसी के पल ये कैद हो जाते.... -मायरा
Thand se bach gyi, kisi ki najar na lage us se bhi bachbach Mayra
बस! आपका आशीष बना रहे ...
Thand se bach gyi, kisi ki najar na lage us se bhi bachbach Mayra
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