लेकिन इस साल नानी ने मुझे बड़ी साइकिल लेकर दी। उस दिन अचानक पापा सरप्राईज देने के लिए हम सबको बोले कार में एक राउंड लगाकर आते हैं जैसे हैं वैसे ही बैठ जाओ, और हम सच्ची समझे लेकिन कार जब साइकिल की दुकान के सामने रुकी तो सबने मुझे बताया,फिर मेरी पसंद की साइकिल ली ।
जब साइकिल ली तब मेरे पैर नीचे नहीं पहुंच रहे थे ,लेकिन नानी ने बोला ऊंची हो जाएगी जन्मदिन तक,और देखो मैं अब सरपट भगा लेती हूं साइकिल और आज तो ओवरब्रिज पर भी चढ़ा ली।
यहां देख सकते है आप -
नानी को सुनें।
थैंक्यू नानी,पापा और मम्मी, लव यू ।
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बस! आपका आशीष बना रहे ...