मेरे बड़े --

Sunday, August 3, 2014

वीर-पोस

नानी ने बताया आज वीर-पोस का त्यौहार है , इसे श्रावणी पूर्णिमा के पहले वाले रविवार को मनाया जाता है ।इसमें भाई /मामा अपनी बहन /भानेज के घर राखी बाँधने का बुलावा देने जाता है और साथ में बहन के घर गेहूं लेकर जाता है (शायद बहन के घर रुकने /न खाने का रिवाज रहता हो कभी इसलिए ),बहन भाई को खाना खिलाती है और टीका लगाती है,आरती उतारती है ,मुंह मीठा करवाती है ,उसके बाद भाई अपने दोनों हाथों की पोस बनाकर गेहूं बहन के आंचल में डालता है ,खर्चा /रूपया देता है।....
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मैंने भी सार्थक भैया और छोटे मामाजी  सुयश को टीका लगाया और उनसे वीर-पोस ली ......
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माँ ने मेरी मदद की और टीका लगाना सिखाया ......(माँ ने वत्सल मामा -नेहा मामी को खूब याद किया .)....
आप देखिये मैंने टीका अच्छे से लगाया न
!

2 comments:

  1. मायरा ने आज मुझे एक नई बात सिखाई.. इस पर्व के बारे में कभी नहीं सुना!!

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  2. निमाड़ इलाके में आकर पहली बार मैंने भी वीर पोस त्योहार के बारे में पहली बार सुना

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बस! आपका आशीष बना रहे ...