वीर पोस का त्यौहार ...माँ ने बताया की श्रावण पूर्णिमा के पहले वाले रविवार को भाई अपनी बहनों को राखी बांधने घर आने का न्यौता देने जाते हैं, बहने टीका लगाकर भैया की आरती उतारती है,खाना खिलाती है.....और भाई 5 पोस गेहूं उसके आँचल में देता है......
मैंने पहले माँ और मामा को देखा फिर माँ से सीखा ......
और भैया के साथ मिठाई भी खाई .....
मैंने पहले माँ और मामा को देखा फिर माँ से सीखा ......
और भैया के साथ मिठाई भी खाई .....
श्रावणी पूर्णिमा तो पता अहि, लेकिन 5 पोस गेहूं की बात आज ही जानी। लेकिन पोस क्या, यह अभी भी नहीं पता
ReplyDeleteपोस यानी दो हाथों से भरी अंजुरी में समाए इतना।
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