मेरे बड़े --

Tuesday, September 27, 2016

स्कूल में मजे

मेरी यानि  आपकी मायरा की पहचान है- दोनों पैरों में काला धागा .. :-) देखो ज़रा कितने मजे किये मैनें  ..

ये हुई एंट्री -



ये उतरी  पानी में -


और ये थोड़ी देर बाद में - 


अब ज़रा मुंह धो लूँ -



लगी ठंडी -- निकलो बाहर -





चलूँ फिर से अंदर --



 ना ना ना। ..मत निकालो दीदी। .. :-)




ये क्या? .... बाहर क्यूँ निकाल दिया


 फिर से भाग लूँ। ..उस तरफ से जा  सकती हूँ   ..



ओह ! ये क्या। ..पकड़ में आ गई उफ़!









6 comments:

  1. जल क्रीडा में मगन मायरा...बोले तो, जल परी!

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  2. मायरा - तुम नानी की शायरी हो

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  3. बढ़िया ...छुटकू भी पानी से निकलना नहीं चाहता नहाने कभी भी तैयार रहता है .

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  4. बढ़िया ...छुटकू भी पानी से निकलना नहीं चाहता नहाने कभी भी तैयार रहता है .

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बस! आपका आशीष बना रहे ...