मेरे बड़े --

Monday, November 17, 2014

भाग जा बुखार ...

पता नहीं कैसे पर तबियत खराब हो गई ..... :-(
नानी स्कूल के वार्षिक उत्सव में व्यस्त थी ,और सोचा था बालदिवस पर जमकर मस्ती करेंगे हम दोनों ,पर सब गड़बड़ .....
डॉक्टर अंकल ने एडमिट करके ट्रीटमेंट किया ....आज थोड़ी ठीक हूँ .....पर ये हाथ की सुई के कारण खेल नहीं पा रही ठीक से ....फिर भी हँस तो सकती हूँ .....

आप सबने मेरे जल्दी ठीक होने के लिए भगवान जी से कहा तो सुनना तो पड़ी ही उनको .....

अब जल्दी से घर जाकर खेलना है ....ठीक से खाना खाऊँगी ,दूध पियूँगी और कभी अस्पताल नहीं आउंगी ,,,

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बस! आपका आशीष बना रहे ...