उठो तो नानी पलक पावड़े बिछाकर तैयार मिलती है ....दर्शन दो उनको ...और फिर पड़े रहो रजाई में घुसकर ....
आहा!!!.... आनंदम.......आनंदम ......
खुद को भी और नानी को भी ...... और आपको? -मायरा
(सर्दी की एक सुबह-2014)
बस! आपका आशीष बना रहे ...
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