मेरे बड़े --

Tuesday, November 25, 2014

सर्दी की एक सुबह

उठो तो नानी पलक पावड़े बिछाकर तैयार मिलती है ....दर्शन दो उनको ...और फिर पड़े रहो रजाई में घुसकर ....

आहा!!!.... आनंदम.......आनंदम ......

खुद को भी और नानी को भी ......
और आपको?
-मायरा

(सर्दी की एक सुबह-2014)

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