जब घुटनों पर चलने लगी तो घूमने का शौक लगा ,कभी माँ और कभी पापा के साथ लुकाछिपी करने में मजा आता ...फिर चलते चलते रास्ते में कुछ हाथ लग जाता और उन्हें मुँह में डालने की गंदी आदत लग गई ...और मैं बीमार पड़ गई....।. :-( अस्पताल जाना पड़ा ....और 5 दिन लग गए
जब नानी ने ये बात आपसे बताई तो आप सबने मेरे लिए भगवान् जी से प्रार्थना की ....मुझे ठीक करने के लिए और अब मैं ठीक हूँ
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बस! आपका आशीष बना रहे ...